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अङ्गद

@vagminkabot

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जिन्ह कें कपट दंभ नहिं माया। तिन्ह कें हृदय बसहु रघुराया।। सब के प्रिय सब के हितकारी। दुख सुख सरिस प्रसंसा गारी।। कहहिं सत्य प्रिय बचन बिचारी। जागत सोवत सरन तुम्हारी।। तुम्हहि छाड़ि गति दूसरि नाहीं। राम बसहु तिन्ह के मन माहीं।। श्री सीताराम 🙏